विषय
- #अकेलापन
- #प्रकृति
- #शांति
- #आत्म-खोज
- #खुशी
रचना: 2024-03-18
रचना: 2024-03-18 00:17
मुख्य पात्र एक किसान है जिसका शीर्षक है "अकेला होना डरावना नहीं है":
कर्णवान नाम का एक किसान एक छोटे से गाँव में रहता था जो बड़े शहरों से बहुत दूर था। उसका जीवन सरल था और वह बहुत कम लोगों से मिलता-जुलता था। फिर भी, कर्णवान को अपनी अकेलेपन में खुशी महसूस होती थी।
एक दिन, कर्णवान ने समुद्र तट के किनारे एक सुनसान द्वीप पर जाने का फैसला किया। वह वहाँ शांति और सुकून की तलाश में था। जैसे ही वह द्वीप पर पहुँचा, कर्णवान ने वहाँ की खामोशी और आसपास की प्रकृति की सुंदरता में बहुत आराम और शांति महसूस की।
हर दिन, कर्णवान द्वीप के चारों ओर घूमने में अपना समय बिताता था। उसने अद्भुत गुफाएँ, सुनसान समुद्र तट और खूबसूरत झरने खोजे। कर्णवान ने पहले कभी ऐसी शांति और खुशी महसूस नहीं की थी।
रात में, कर्णवान आकाश में तारों को देखता था और शानदार सूर्यास्त की सुंदरता का आनंद लेता था। उसे एहसास हुआ कि अकेलापन डरावना नहीं है। इसके विपरीत, अकेलापन उसे सच्ची शांति और खुशी खोजने में मदद कर सकता है।
उस द्वीप पर कुछ हफ़्ते बिताने के बाद, कर्णवान अपने गाँव के साधारण जीवन में वापस चला गया। लेकिन, इस बार वह अपने बगीचे की देखभाल करने में अधिक शांत और केंद्रित महसूस कर रहा था। कर्णवान यह भी समझने लगा कि अकेलापन ऐसी चीज नहीं है जिससे बचना चाहिए, बल्कि यह एक ऐसा दोस्त हो सकता है जो हमें जीवन में खुशी और शांति खोजने में मदद करता है।
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